Wasiyat Ka Rahasya
Story and Plot (1960)
In the new year, Byomesh receives a letter from his known person Rameshwar Babu. Rameshwar Babu (played by Shail Chaturvedi) is in his eighties who always use to send letters to his known persons and also Byomkesh. His letter looks mysterious to Byomkesh whose contents are below:
Byomkesh Babu, the ocean of wisdom.
Wish you and Ajit Babu my new year greetings. I wish that your intellect continues to shine like the art of the moon. Ajit Babu's pen should grow like a feather of a peacock.
My time is almost over. Yamraj's summons has arrived. Soon the warrant of arrest is out. I have no fear of that, I am trying to knock the doors of Baikuntha Dham before Yamraj's warrant. The only regret will be that in the next Durga Puja, I will not be able to greet you like before.
Before I die, I have arranged my land property. You take care my last wish is fulfilled. I have full faith in your intelligence and understanding.
Goodbye ...
Do not ignore this letter of mine.
I will see from Baikunth that you received 5000 rupees or not.
Getting the letter Byomkesh goes to meet him but Rameshwar's son and daughter in law dont let Byomkesh met with him. Boymkesh also comes to know that they dont let meet anyone with Rameshwar and infact his own daughter Nalini also can't meet him.
ब्योमकेश के घर एक चिट्ठी आती है जिसको रामेश्वर बाबू नाम के एक बुज़ुर्ग ने लिखा है. ब्योमकेश का कहना है की रामेश्वर बाबू हर साल नए वर्ष की शुभकामना देते हैं. उनकी चिट्ठी इस प्रकार है:
बुद्धि के सागर ब्योमकेश बाबू।
आप और अजित बाबू मेरी नए साल की शुभकामनाएं गृहन करे। आपकी बुद्धि चंद्रमा की कला की तरह निखरती रहे यही कामना करता हु। अजित बाबू की लेखनी मयूर के पंख के तरह विकसित हो ।
मेरा वक़्त हो गया है, यमराज का समन आ गया है। जल्दी ही गिरफ़्तारी का वॉरन्ट निकालने वाला है। मुझे उससे कोई डर नहीं, मै कोशिश मे हूँ की यमराज के वॉरन्ट के पहले ही मै बैकुंठ धाम के द्वार खटखटाऊ। अफसोस सिर्फ इस बात का रह जाएगा की अगली दुर्गा पूजा मे मै पहले की तरह आपको अभिनंदन नहीं जता पाऊँगा।
अपने मरने से पहले मैंने अपनी जमीन जायदाद का बंदोबस्त कर लिया है। आप जरा खयाल रखना मेरी आखिरी इच्छा पूरी हो। आपकी बुद्धि और सूझ-बूझ पर मुझे पूरा भरोसा है।
अलविदा ...
मेरी इस चिट्ठी को नजरंदाज मत करना।
आपको 5000 रुपए मिले की नहीं मै बैकुंठ से देखूँगा।
ब्योमकेश को ये चिट्ठी कुछ रहस्यमय सी लगती है इसलिए वो रामेश्वर बाबू से मिलने उसके घर जाता है मगर उसके बेटे और बहु उसको मिलने नहीं देते. इसके अलावा ये भी पता चलता है की वो लोग उनको किसी से भी मिलने नहीं देते हैं और यहाँ तक की उनकी बेटी नलिनी भी उनसे नहीं मिल सकती है.
Ponchasher Monnontor (Byomkesh (Bengali) Season 5)
Language: Bengali
Year: 2020
Director: Soumik Halder
Part 1: https://www.mxplayer.in/...byomkesh-bengali/...ponchasher-monnontor
Part 2: https://www.mxplayer.in/...byomkesh-bengali/...khnuji-khnuji-nari