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Byomkesh Bakshi Episode 7: Lal Neelam (A Red Sapphire, लाल नीलम, Roktomukhi Neela, রক্তমুখী নীলা)

Byomkesh Bakshi is reading a morning newspaper where he sees that a criminal Ramnath Niyogi has come out of jail after serving an 8-year sentence. He was arrested for stealing a red sapphire from the house of Maharaja Ramendra Singh, which even after his arrest was not found till date. Eight years ago, when this sapphire was stolen, Maharaja Ramendra also kept a gift of 5000 rupees in lieu of this sapphire. As soon as he is reading the newspaper, a phone call comes on which it is told that Harihar Nath, the trusted accountant of Maharaj Ramendra Singh, has been killed.

Byomkesh and Ajit arrive at Ravendra and find that Harihar Nath was not only killed but a part of his throat was cut after killing him. Byomkesh tries to understand the whole story from Ramendra.

Ramendra says that shortly before, Harihar Nath came to him to ask for a job. He told him that he was jailed for 8 years because of the crime and he came out in 7 years due to good conduct. Now he wants to lead an honest life and for this, he is looking for a job. He also told him that he knows typing.

Maharaja Ramendra had saved the people earlier also and Harihar came to him only after hearing this. Ramendra gives him a job on a salary of 50 rupees a month. Gradually, he joins the trusted men of Maharaja Ramendra who does all his work very honestly but then one day he is murdered.

ब्योमकेश बक्शी सुबह का अखबार पढ़ रहा है जहां वो देखता है की एक अपराधी रामनाथ नियोगी जेल से 8 साल की सजा पूरी कर के बाहर आया है। उसको महाराज रमेंद्र सिंह के घर से एक लाल नीलम की चोरी मे गिरफ्तार किया गया था जो की उसकी गिरफ़्तारी के बाद भी आज-तक मिल नही पाया। आठ साल पहले जब ये नीलम चोरी हुआ था तब महाराज रमेंद्र ने इस नीलम के एवज मे 5000 रुपये का उपहार भी रखा था। अखबार पढ़ते पढ़ते ही एक फोन आता है जिसपे ये बताया जाता है की महाराज रमेंद्र सिंह केभरोसेमंद मुनीम हरिहर नाथ की हत्या हो गई है।

ब्योमकेश और अजित रवेंद्र के यहाँ पहुचते हैं और पाते हैं की हरिहर नाथ की सिर्फ हत्या ही नहीं हुई थी बल्कि उसको माने के बाद उसके गले के एक हिस्से को काटा गया था। ब्योमकेश रमेन्द्र से सारी कहानी समझने का प्रयास करता है।

रमेन्द्र बताते हैं की कुछ ही समय पहले हरिहर नाथ उनके पास नौकरी मांगने आया था। उसने उनको बताया था की अपराध की वजह से उसको 8 साल की जेल हुई थी और वो अच्छे चालचलन की वजह से 7 साल मे बाहर आ गया था। अब वो एक ईमानदार ज़िंदगी बिताना चाहता है और इसके लिए उसको एक नौकरी की तलाश है। उसने ये भी बताया की वो टायपिंग जानता है।

महाराज रमेन्द्र ने पहले भी की लोगों का उद्धार किया था और यही सुन कर ही हरिहर उनके पास आया था। रमेन्द्र उसको 50 रुपये महीने की तनखा पर नौकरी दे देते हैं। धीरे धीरे वो महाराज रमेन्द्र के भरोसेमंद आदमियों मे शामिल हो जाता है जो की अपना सारा काम बहुत ही ईमानदारी से करता है मगर फिर एक दिन उनकी हत्या कर दी जाती है।




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